अभी कुछ समय पूर्व चेन्नई पुलिस ने कोरोना के तहत लॉक डाउन की धज्जियां उड़ाते bike सवार तीन नवयुवकों को सबक सिखाने के लिए एक डमी एम्बुलेंस में एक डमी कोरोना पेशेंट का सहारा लेते हुए तीनों नव युवुकों को पकडकर उसी डमी एम्बुलेंस में कोरोना पॉजिटिव मरीज के साथ अन्दर लॉक कर दिया | उस समय यदि आपने विडियो में उन तीनों की छटपटाहट देखी होगी तो आप अवश्य महसूस कर पायेंगें कि मौत का खौफ क्या होता है | ये नव युवक यहाँ तक कि उस एम्बुलेंस की इतनी छोटी छोटी खिडकियों में से खुद को निकालने की नाकाम कोशिश करते हुए रहम की भीख मांग रहे थे पुलिस कर्मियों से |
वहीँ दूसरी ओर एक मार्मिक घटना ने social distancing का ह्रदय विदारक दृश्य भी दिखाया जबकिच इंदौर शहर में कोरोना के खिलाफ लड़ते लड़ते वीर जांबाज इंस्पेक्टर देवेन्द्र कुमार चंद्रवंशी ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए और उनकी पत्नी ने उनके अंतिम दर्शन भी social distancing के कारण सिर्फ उनकी फोटो के माध्यम से किये |
मैंने इन दोनों घटनाओं का एक साथ जिक्र इसलिए किया क्योंकि कहीं न कहीं ये दोनों घटनाएं एक विरोधाभास का एहसास करती हैं | कोरोना नाम की महामारी कितनी घातक है ये अब किसी को बताने कि आवश्यकता नहीं | इसी घातक बीमारी से लोगों को बचाते बचाते एक तरफ देश का जवान शहीद हो जाता हैं इस देश की ही जनता को बचाते हुए और दूसरी तरफ सरकार के इतना सचेत करने एवं इस महामारी से ही देश की जनता को बचाने के लिए लॉक डाउन जैसी योजना लागू की | कहने का मतलब देश का हर जिम्मेदार जवान हो या सरकार जिस के लिए ,जिसकी जान की हिफाजत के लिए इतने प्रयास कर रही है उसी देश की कुछ जनता जैसे ये नव युवक जो कि सिर्फ लॉक डाउन की बोरियत को मिटाने यूँ ही सड़क पर घूमने निकल पड़ते हैं | मतलब जिनकी जान बचाने को एक जवान अपनी खुद की जान दांव पर लगा रहा है यहाँ तक की जान गवां भी रहा है ,वही जनता उसकी कीमत समझकर भी समझना ही नहीं चाहती |
समझकर शब्द मैंने जानबूझकर इसलिए इस्तेमाल किया कि यदि कोई भूल अनजाने में हो जाए तो उसे माफ़ किया भी जा सकता है परन्तु जानबूझकर की गयी गलती माफ़ी के योग्य नहीं है| जानबूझकर इसलिए क्योंकि जब एम्बुलेंस में साक्षात मौत को अपने इतने करीब पाया तो इनका छटपटाना इस बात को साबित करता है कि इस बीमारी की भयावहता से पूर्ण परिचित हैं |
अभी भी समय है ,न केवल अपने देश से बल्कि पूरी दुनिया की बेहाल हालत को देखते हुए सबक लें ,सचेत हो जाएँ और अगर घूमना इतना ही आवश्यक है तो पूरी एतिहात के साथ ,पूरी सावधानी के साथ आगे आयें स्वयंसेवक के रूप में , वारियर्स के रूप में और अपनी युवा शक्ति को नयी एवं उचित दिशा प्रदान करते हुए इस देश के लिए भी कुछ फर्ज अदा करें अन्यथा घर पर ही रहकर इसे अंजाम दें |
Not long ago, the Chennai police caught a three-man corona patient in a dummy ambulance with a corona positive patient in the same dummy ambulance to teach a lesson to three youngsters riding a bike down the lock-down corona. Locked in. At that time, if you have seen the splash of those three in the video, then you will definitely feel what is the fear of death. These young men, even trying unsuccessfully to get themselves out of such small windows of that ambulance, were begging the police personnel.
On the other hand, a touching incident also showed a heart-wrenching scene of social distancing while Veer Jambaj Inspector Devendra Kumar Chandravanshi gave up his life while fighting against Corona in Indore city and his wife also gave his last darshan due to social distancing. Through photos.
I mentioned these two events together because somewhere these two events feel a contradiction. There is no need to tell anyone how dangerous is the corona epidemic. On the one hand, saving the people from this deadly disease, the soldiers of the country become martyrs on one side, saving the people of this country and on the other hand, the government implemented a lock-down scheme to make the government so alert and save the people of the country from this pandemic. Of To say that every responsible soldier of the country or for whom the government is trying so much for the protection of its life, some people of the same country like this new youth who just go out on the road to remove the boredom of lock down. Fall. Meaning, to save a person whose life is at stake, even a person is losing his life, the same people do not want to understand the value of it.
Understandably, I used the word intentionally because if a mistake is made inadvertently, it can be forgiven, but the mistake made deliberately is not eligible for forgiveness. Intentionally because when the ambulance found the death so close to him, his ejaculation proves that he is fully aware of the horrors of this disease.
There is still time, take lessons not only from your country, but also in view of the plight of the whole world, be alert and if it is necessary to move around, then come forward with full caution, with full caution, as volunteers, Warriors As and giving new and appropriate direction to your youth power, do some duty for this country too, otherwise do it by staying at home.