What is life – a perspective, this is the next stage of my series in which I am attracting your attention to the most essential and first point of high energy level from today – “Faith on God”.
Today is the beginning of Chaitrasukla Pratipada Vikram Samvat 2077 New Year, as well as the first day of Navratri, today is the first day of worshiping Shakti. Source of energy. Given the current circumstances, we need to maintain our energy level very high. Otherwise, the negativity is ready to dominate everyone today, your energy level has reduced (low amplitude) and you can reach yourself in the negative phase directly below the axis.
If you need energy, then you have to connect yourself to the source of energy, like when a machine starts to run out of fuel, it needs fuel. Our internal power is also weakening today, if the machine like body is tired then it can be poured as food, but if the internal power is to be strengthened, then where is the source? Just think, if you want solar energy, the source must be from the sun, if you want wind energy then it is important to have the source of wind, similarly what is the source here? Perhaps you will know the answer very well, seeing this video of mine, you will understand why my first point is “Faith on God”.
जिंदगी क्या है – एक नज़रिया, मेरी इस श्रृंखला का ये अगला पड़ाव है जिसमें मैं आज से ऊर्जा का स्तर उच्च रखने के लिए (high positive amplitude) सबसे आवश्यक एवं सर्वप्रथम बिंदु पर आपका ध्यान आकृष्ट कर रही हूँ – “ईश्वर पर आस्था” |
आज चैत्रशुक्ल प्रतिपदा विक्रम संवत 2077 नूतन वर्ष की शुरुआत हो रही है साथ ही नवरात्री का भी प्रथम दिवस है आज यानी शक्ति की उपासना का प्रथम दिवस | शक्ति यानी ऊर्जा का श्रोत | समसामयिक परिस्थितयों को देखते हुए हमें अपना ऊर्जा स्तर बहुत उच्च बनाये रखने की आवश्यकता है | नहीं तो नकारत्मकता तो आज सभी पर हावी होने को जैसे तैयार ही बैठी है, आपका ऊर्जा स्तर कम हुआ (low amplitude)और आप सीधे अक्ष (axis)के नीचे (negative phase)में खुद को पहुंचा सकते हैं |
आपको ऊर्जा की आवश्यकता है तो ऊर्जा के श्रोत से तो खुद को संबंधित (connect)करना ही होगा जैसे जब किसी मशीन का ईधन समाप्त होने लगता है तो उसे ईधन की आवश्यकता होती है | हमारी भी आंतरिक शक्ति आज कमज़ोर हो रही है, यदि शरीर रूपी मशीन थकती है तो इसमें भोजन रूपी ईधन डाला जा सकता है परन्तु आंतरिक शक्ति को यदि मजबूत करना है तो फिर श्रोत कहाँ है? ज़रा सोचिये, सोलर ऊर्जा चाहिए तो श्रोत सूर्य का होना जरुरी है, पवन ऊर्जा चाहिए तो हवा का श्रोत होना जरुरी है, इसी प्रकार यहाँ श्रोत क्या है? शायद आप इसका उत्तर बहुत अच्छे से जान पायेंगे मेरा ये विडियो देखकर जो आपको मेरा पहला बिंदु “ईश्वर पर आस्था” ही क्यों है, ये भी बखूबी समझा पायेगा |