जब कभी भी कोई बड़ी आंधी आती है तब हमने देखा है कि वर्षों पुराना जड़ पेड़ भी उखड़ जाता है परन्तु घास का बाल भी बांका नहीं होता | जबकि घास का अस्तित्व उस पेड़ की तुलना में नगण्य होता है | कभी ऐसा सोचा है कि इसका कारण क्या हो सकता है? एक आम राय तो यही होगी कि घास चूँकि बहुत नरम और कम height की होती है इसलिए हवा का सारा pressure सहन कर जाती है | और बात है भी सही | परन्तु यदि ऐसे गहराई से सोचें तो पाएंगे कि ऐसा ही कुछ हमारे साथ भी होता है | बहुत कुछ होते हुए भी यदि हमअपने अस्तित्व का पेड़ अभिमान की खाद दे देकर उसे बहुत बड़ा नहीं करते तब तक कोई दुःख , कोई तकलीफ या कोई बड़ी आफत भी हमें हिला नहीं पाती क्योंकि हम तब तक खुद को सिर्फ शून्य ही समझ रहे होते हैं जिसे अपने आगे वाले से कोई कम्पटीशन नहीं और जिसे अपने पीछे वाले को देखकर कोई अभिमान नहीं होता | और यही शून्यता व्यक्ति के अस्तित्व को न स्थिरता प्रदान करती है बल्कि उसे खास एवं सबका प्रिय भी बनाती है परन्तु जैसे ही हम अपने अस्तित्व के पेड़ को अभिमान (अपने से पीछे वाले को देखकर) और कुंठा(अपने से आगे वाले को देखकर )का खाद दे देकर बड़ा करके एक वट वृक्ष बना देते हैं वो आने वाली हर आफत को और सौ गुना बड़ा देता है और बजाये उसका सामना करने के उसका मुकाबला ही नहीं कर पाता और अतिशीघ्र ही अपनी जड़ों से उखड़ जाता है | ऐसा ही कुछ इन पंक्तियों में भी कहा गया है जहाँ एक तिनका बता रहा है कि उसका अस्तित्व एक विशाल वट वृक्ष से ज्यादा कैसे टिक सकता है ,ये जिन्होंने भी लिखा है ,वाकई जिंदगी के इतने बड़े सवाल को बड़ी आसानी से हल कर दिया है |
Whenever there is a big storm, we have seen that even the roots of trees that are years old are uprooted but not even a hair of grass remains intact. Whereas the existence of grass is negligible in comparison to that of a tree. Have you ever wondered what could be the reason for this? A common opinion would be that since the grass is very soft and of low height, it tolerates all the pressure of the wind. And this is also true. But if you think deeply, you will find that something similar happens with us too. Despite many things, if we do not make the tree of our existence grow very big by giving it the fertilizer of pride, then no sorrow, no trouble or no big calamity will be able to shake us because till then we are considering ourselves only as zero, which There is no competition with the person in front of him and he does not feel proud looking at the person behind him. And this emptiness not only provides stability to a person’s existence but also makes him special and loved by everyone, but as soon as we start growing the tree of our existence with pride (looking at the person behind us) and frustration (looking at the person ahead of us), By giving fertilizer, we make it bigger and become a banyan tree. It makes every trouble that comes a hundred times bigger and instead of facing it, it is unable to cope with it and very soon gets uprooted from its roots. Something similar has also been said in these lines where a straw is telling how its existence can last longer than a huge banyan tree. Whoever has written this has really solved such a big question of life very easily. |